कुछ रिश्ते इस दुनिया
में बस बेनाम
होते हैं
जुड़े हुए लोग
ही एक दूसरे
का इनाम होते
हैं
वक़्त बदल देता
है हर रिश्ता
कुछ ऐसे
वफ़ा करने वाले
पर ही बेवफाई
के इलज़ाम होते
हैं
सिसकते रहते हैं
अलफ़ाज़-ए-मोहब्बत
दिल में
मगर हर बात
आंसू बनकर छलकती
नहीं
हंसाते रहे अपने
यार को जलकर
भी खुद हर
पल
फिर भी आज
कोने में बैठकर
जाने क्यूँ रोते
हैं
इस दुनिया में सच्ची
मोहब्बत करने वालों
के
शायद कुछ ऐसे
ही अंजाम होते
हैं
दुनिया में हर
रिश्ते का नाम
ज़रूरी क्यूँ है
जब खुद इंसान
ही यहाँ बेनाम
होते हैं
कर सको ऐ
खुद अगर इतना
करम इस दुनिया
पर
जो नाम मांगते
है हर चीज़
पर लिखकर
उन्हें तुम एक
बेनामी ज़िन्दगी देना
अश्क़ तो मांग
सकते नहीं उनके
लिए
पर एक बेवफाई
का इनाम उनको
भी देना।
(C) Deepanshu Pahuja
(C) Deepanshu Pahuja